आज हम जानेंगे,कि आखिर लोग नशे का शिकार क्यों हो जाते हैं?क्या ऐसी वजह है ,जिसकी वजह से नाश करने ही पड़ता है।
संगत - आज कल जहाँ देखों, जिसे भी देखो बस नशा में ही लत पड़ा है।इन लोगो को देखकर दूसरे लोग भी नशा करना सीख जाते हैं।ये लोग अपना जीवन तो बर्बाद करेगे ही अपने साथ दूसरों का भी जीवन बर्बाद करते है।
गलतफैमियाँ - कई लोगों को ये गलतफैमियाँ हो जाती है कि नशा करने से हम दुःख और चिंता से दूर हो जाएंगे।अब उन लोगों को कौन समझाए।कि दुःख चिंता नशा करने से दूर नही होता।बल्कि उसका समाधान ढूँढने से होता है।कुछ समय तक ही नशे में रह सकते है।उसके बाद तो सच्चाई का सामना करना ही पड़ेगा।
उदासी - कुछ लोग उदास होने पर नशा लेते हैं, जबकि उदास होने पर और नशे दूर भागना चाहिए।क्योंकि अगर आप उदास होने पर नशा करेंगे,तो आपको आगे क्या करना है।इसके बारे में नही सोच पाएँगे।और उदास होने से काम नही चलेगा।जिंदगी लंबी है इसे आपको ही जीना है।
आदत - बहुत से लोगों की आदत होती है,नशा करने की।वो कोशिश करें, कि धीरे - धीरे ही सही आपकी ये आदत छूट जाए।क्योंकि अगर आपकी ये आदत नही छूटेगी।तो आपके घर का दूसरा सदस्य भी इसका शिकार हो सकता है।
समाधान - market में नशा छुड़ाने के बहुत सी दवाईयां उपलब्ध है।मगर मेरा मानना है,जब तक आप नही चाहेंगे, तब तक ये दवाईयां भी नशा से आपको नही मुक्त करवा सकती।
इसलिए आप ये सोचकर नशा छोड़ दे,कि नशा में पैसे लगाना यानी पैसे को पानी मे डालना अब आप ही सोचिए।इतनी मेहनत से कमाए हुए पैसों को क्या आप पानी में डालना चाहेंगे।
धन्यवाद....
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