हेलो दोस्तों, मैं Sarvshakti singh आप का स्वागत करता हूँ।आज हम बात करेंगे।जिंदगी एक जंग क्यों है?आखिर क्या ऐसी वजह है,जिसके कारण जिंदगी जंग के समान लगती है।तो देर ना करते हुए आइए जानते हैं।
स्वार्थी लोग - ये तो सभी जानते हैं, कि इस दुनिया मे हर कोई स्वार्थी है।औरों को छोड़ो हम अपनी ही बात करें।तो पता चलेगा, कि हम लोग खुद स्वार्थी है।
एक उदाहरण द्वारा समझता हूँ,एक बच्चे का स्वार्थ ये है,कि अगर घर वालों की ना सुने तो घर वाले घर से निकल देगे।और घर वालों का स्वार्थ ये है,कि अगर घर से चला जाएगा।तो देखभाल कौन करेगा?
इस तरह हर कोई किसी - ना - किसी प्रकार के स्वार्थ में पड़ ही जाता है।जिसकी वजह से जिंदगी जंग के समान हो जाती है।
दुश्मनी - दुश्मनी जो कि कई प्रकार की होती है।ज्यादातर दुश्मनी खानदानी होती है।जिससे हमें भी उस दुश्मनी को झेलना पड़ता हैं।जबकि उससे हमारा कोई लेना - देना भी नही होता।
कई लोग तो बिना किसी वजह के आपके दुश्मन बन जाते हैं।अगर अपने जीवन मे कुछ बड़ा किया या फिर कोई सफलता आपको मिलता है,तो लोगों को आपसे जलन होती।
ऐसे ही और भी कई प्रकार की दुश्मनी हो जाती है।जिसके वजह से जिंदगी जंग जैसी लगने लगती है।
कमजोरी - यहाँ पर तीन प्रकार के कमजोरी कि बात हो रही है।मानसिक ,आर्थिक और शारीरिक।
जब कोई कमजोर होता हैं,तब हर कोई उसपर अपना बहादुरी दिखाना चाहता है।
क्योंकि वो कुछ कर नही सकता।इसलिए सभी उसका फायदा उठाते हैं।इसलिए आप अपनी कमजोरियाँ किसीको ना बताएँ।साथ ही अपनी कमजोरियों से भी लड़ना किसी जंग से कम नही है।
मजबूरी - अगर आपको अपनी जिंदगी जीना है,तो कभी उधर या उपकार किसी का मत लेना।नही तो भारी पड़ सकता है।आपको मजबूर होकर वही करना पड़ेगा।जो सामने वाला आपसे कहे फिर वो चाहे गलत हो या सही।
लेकिन कभी कभी ऐसी मजबूरी आ जाती है।लेकिन फिर भी आप कोशिश करें कि दूसरों के ऊपर निर्भर न रहें।क्योंकि मजबूरी भी किसी जंग से कम नही है।
मैंने जितनी भी चीजें आप लोगों को बताई है,उन सभी चीज का समाधान अगर आप ढूंढ़ लेंगे तो जिंदगी आसान हो जाएगी।और इन सभी चीजों का समाधान आप लोगों के पास है।जरूरत है ,थोड़ा जागरूक होने की।
धन्यवाद......
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