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Sarvshakti Singh

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आखिर हम क्यों डरते हैं?

 

हेलो दोस्तों, आज हम बात करेंगे।डर के ऊपर ।कि इंसान क्यों डरता है?और अपने अंदर के डर को किस तरह से दूर कर सकते हैं?तो देर ना करते हुए।आईये शुरू करते हैं।


भ्रम - हमें कई चीजों को लेकर भ्रम हो जाता है।
  जैसे कि रात के अँधेरे में डर लगना या फिर अकेले रहने में डर लगना। ऐसा सिर्फ भ्रम के कारण होता है।
यही कारण है,कि डर हमारे मन मे हमेशा के लिए बैठ जाता है।हम कितनी भी कोशिश कर ले,मगर डर जल्दी दूर नही हो पाता।

   

Fear


   इसलिए आप कोशिश करें, कि बच्चों को बेवजह कि बातों से ना डराएं।क्योंकि ये डर जिंदगी भर के लिए उनके दिमाग में बैठ सकता है।
   अगर आपको भी ऐसा डर है,तो आपको जिस चीज को लेकर भ्रम है।उस चीज से दूर ना भागे।बल्कि उसे और नजदीक से समझने की कोशिश करें।क्योंकि वो सिर्फ आपका भ्रम है और कुछ नही इसके अलावा रोज योगासन भी कर सकते है।आपका डर दूर हो जाएगा।

अत्यधिक सोचना - अत्यधिक सोचना भी हमारे लिए problem create कर सकता है।क्योंकी अत्यधिक सोचने से। Phobia की बीमारी भी हो सकती है।
   Phobia कि बीमारी होने से लोगो को गलतफैमियाँ होने लगती है।जैसे कि कोई छिपकर उनपर नजर रख रहा है,या ये सोचना की लोग उनकी बुराई कर रहे हैं।या फिर कोई उन्हें मरना चाहता है।यह सोचकर लोगों से दूर रहना या अपने आपको अकेले रखना।
    ये बीमारी नकारात्मक सोच के कारण होती है।
      अगर ऐसी बीमारी आपको है,तो आप कोशिश करें, कि आप अपने आपको काम में busy रखें।क्योंकि ये बीमारी अत्यधिक सोचने के कारण होती है।अगर आप अपने आपको busy रखेंगे,तो आपका दिमाग negative नही सोच पाएगा।जिससे आपकी यह बीमारी ठीक हो जाएगी।
    

ठीक से परीक्षण कर पाना - कुछ लोग सही से अनुमान ना लगा पाने की वजह से भी डर जाते हैं।जैसे कि पता नही आज स्कूल में teacher का मूड कैसा होगा?या ना जाने office में boss का मूड कैसा होगा?कही गुस्से में तो नही होंगें?
   इन सब बातों को लेकर भी डर बना रहता है।इनके अलावा और भी बहुत सी चीज़ो को लेकर सही से परीक्षण ना कर पाने के वजह से भी लोग दुःखी रहते हैं।
    इस प्रकार के डर को दूर करने के लिए।किसी भी काम को लेकर आप जल्दी बाजी ना करें।।बल्कि last moment  तक wait करे।इससे आप सही से परीक्षण कर पाएंगे।और आपका डर भी दूर हो जाएगा।
   

लोगों की सुनना - कुछ डर तो ऐसे होते हैं, जो दूसरों के बातों को सुनकर हो जाते हैं।जैसे कि उस घर में आत्मा का वास है,रात होते ही नदी के किनारे किसी के चिल्लाने की आवाज आती हैं। इसके अलावा और भी बहुत सी बातें होती हैं।
      जिन्हें हम बिना सोचे समझे सिर्फ दूसरों की बातों पर यकीन कर लेते उस वजह से डरते रहते हैं।क्योंकि कुछ लोग होते हैं, जिन्हें दूसरो को डराने में मज़ा आता है।इसलिए इस प्रकार की झूठी बातें फैलाते हैं।
    अगर आपको भी इस प्रकार का डर है,तो आप सबसे पहले पता लगाइए।कि क्या यह बात सच है।अगर आप सच का पता लगाएंगे।तो खुद ही डर दूर हो जाएगा।

     धन्यवाद....

  

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