काम कोई भी छोटा नही होता, फिर किसी भी काम को करने वाले को हम छोटा क्यों समझते है।ये सभी का स्वभाव है।भले ही सबके सामने कहते हो,कि कोई भी इंसान किसी भी काम को करें।वो छोटा नही होता।मगर वही अपने घर का कोई सदस्य या व्यक्ति ऐसे ही किसी छोटे काम को करे।तो उसे रोज ताना मारा जाता है।
अरे....भाई इतना दिखावा क्यों करते हो।दिखावा करने से भले ही कुछ लोगो के सामने कुछ समय के लिए बड़े बन जाओ।मगर आप अपनी नजर में तो हमेशा छोटे ही रहोगे।अगर बड़ा बनना है।तो अपनी सोच भी बड़ी रखो।नही तो सब लोग आपका साथ सिर्फ मतलब तक ही रखेगे।
कभी - भी अपनी सोच दूसरों के ऊपर मत थापों।बल्कि दूसरों की सोच का भी सम्मान करना सिखों।दूसरो की बातों को भी महत्त्व दो।अगर ऐसा करोगे ,तभी आपका हर कोई सम्मान करेगा।क्या छोटा ,क्या बड़ा??? हर एक का सम्मान करो।क्योंकि ये समय कुछ ऐसा चल रहा है,कि अगर आप अपने से छोटों का सम्मान नही करते है।तो वो आपका भी सम्मान नही करेंगें।बल्कि आपसे जवाब सवाल भी करेंगे।जिसपर आपको बुरा भी लग सकता है और बेवजह मतभेद भी बढ़ सकता है।इसलिए आप अपने से छोटों का भी सम्मान करें।
अगर आप दूसरों को प्यार देँगे।तभी सामने वाला भी आपको प्यार देगा।अगर आप दूसरों से मुस्कुराते हुए बात करेंगे,तो सामने वाला भी आपसे मुस्कुरा कर ही बात करेगा।एक बात आप याद रखें।अगर आपको ब्याज चाहिए तो उसके लिए आपको पैसा उधर देना पड़ेगा।पहले आप पैसे देगें तब सामने वाला आपको ब्याज या पैसों से लाभ देगा।अगर बिना किसी को पैसे दिए और उमीद लगाए की कोई आपको कुछ लाभ दे दें।ऐसा नही हो सकता।
जब तक हम किसी को कुछ देते नही तब तक सामने वाला भी हमें कुछ नही देगा।चाहे वो सम्मान हो या पैसा।किसी भी चीज की शुरुआत आप अपनी तरफ से करें।
धन्यवाद...
अरे....भाई इतना दिखावा क्यों करते हो।दिखावा करने से भले ही कुछ लोगो के सामने कुछ समय के लिए बड़े बन जाओ।मगर आप अपनी नजर में तो हमेशा छोटे ही रहोगे।अगर बड़ा बनना है।तो अपनी सोच भी बड़ी रखो।नही तो सब लोग आपका साथ सिर्फ मतलब तक ही रखेगे।
कभी - भी अपनी सोच दूसरों के ऊपर मत थापों।बल्कि दूसरों की सोच का भी सम्मान करना सिखों।दूसरो की बातों को भी महत्त्व दो।अगर ऐसा करोगे ,तभी आपका हर कोई सम्मान करेगा।क्या छोटा ,क्या बड़ा??? हर एक का सम्मान करो।क्योंकि ये समय कुछ ऐसा चल रहा है,कि अगर आप अपने से छोटों का सम्मान नही करते है।तो वो आपका भी सम्मान नही करेंगें।बल्कि आपसे जवाब सवाल भी करेंगे।जिसपर आपको बुरा भी लग सकता है और बेवजह मतभेद भी बढ़ सकता है।इसलिए आप अपने से छोटों का भी सम्मान करें।
अगर आप दूसरों को प्यार देँगे।तभी सामने वाला भी आपको प्यार देगा।अगर आप दूसरों से मुस्कुराते हुए बात करेंगे,तो सामने वाला भी आपसे मुस्कुरा कर ही बात करेगा।एक बात आप याद रखें।अगर आपको ब्याज चाहिए तो उसके लिए आपको पैसा उधर देना पड़ेगा।पहले आप पैसे देगें तब सामने वाला आपको ब्याज या पैसों से लाभ देगा।अगर बिना किसी को पैसे दिए और उमीद लगाए की कोई आपको कुछ लाभ दे दें।ऐसा नही हो सकता।
जब तक हम किसी को कुछ देते नही तब तक सामने वाला भी हमें कुछ नही देगा।चाहे वो सम्मान हो या पैसा।किसी भी चीज की शुरुआत आप अपनी तरफ से करें।
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